बुधवार, 23 मार्च 2016

और फिर मणिशंकर अइयर को आकाश पाताल कहीं से भी ढूंढ निकालते जिसने अंडमान निकोबार की सेन्ट्रल जेल से वीरसावरकर के चित्र को बड़ी बे -शर्मी से हटवा दिया था और तीसरी गोली उसके सिर पर मारते जो पाकिस्तान में जाकर कहता है मोदी को हटाओ हमें लाओ। आंतरिक देश द्रोहियों का सफाया करना उनकी प्राथमिकता में होता। जयश्रीकृष्ण !

अगर भगत सिंह ज़िंदा होते तो  अंग्रेज़ों को बाद में गोली मारते पहली गोली आंतरिक राष्ट्रद्रोहियों के रूप में कन्हैयाँ को मारते ,दूसरी गोली शशि थरूर के माथे पर मारते जो सब कुछ बूझते हुए भी एक परिवार की चाटुकारिता के लिए कन्हैयाँ कुमार की तुलना उनसे करके क्रांतिवीरों को अपमानित कर रहा है। 

और फिर मणिशंकर अइयर को आकाश पाताल कहीं से भी  ढूंढ निकालते जिसने अंडमान निकोबार की सेन्ट्रल जेल से वीरसावरकर के चित्र को बड़ी बे -शर्मी से हटवा दिया था  और तीसरी गोली उसके सिर पर मारते जो पाकिस्तान में जाकर कहता है मोदी  को हटाओ हमें  लाओ। आंतरिक देश द्रोहियों का सफाया करना उनकी प्राथमिकता में होता। 

जयश्रीकृष्ण !

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