शनिवार, 19 दिसंबर 2015

एक हैं गुलाम नबी आज़ाद जो गुलाम भी हैं और आज़ाद भी। गुलाम ये मायनो के हैं और और आज़ाद अराजकता फैलाने के लिए हैं


अगर कोई व्यंग्यकार - कांग्रेस की वर्तमान मन :स्थिति का चित्र बनाये तो नमस्कार की मुद्रा में जुड़े हुए हाथों से जूते का कोना झांकता दिखाई देगा

नमस्कार की मुद्रा में जूते का कोना 

अगर कोई व्यंग्यकार  -

कांग्रेस की वर्तमान मन :स्थिति का चित्र बनाये तो नमस्कार की मुद्रा में जुड़े हुए हाथों से जूते का कोना झांकता दिखाई देगा। आशय यह होगा कि एक हाथ कहता दिखाई देगा हम अदालत का सम्मान करते  हैं और दूसरा यदि फैसला हमारे विपरीत जाता  है तो जूता हमारे हाथ में है ही।क़ानून को जूता दिखा रहें हैं शातिर कांग्रेसी ,ये बिलकुल साफ़ है।  

कांग्रेस की हरकतें नै  नहीं हैं जब भी इनका कोई नेता पहाड़ के नीचे आता है यह सड़कों पर गुंडई के लिए बिछ जाते हैं। 

एक हैं गुलाम नबी आज़ाद जो गुलाम भी हैं और आज़ाद भी। गुलाम ये मायनो के हैं और और आज़ाद अराजकता फैलाने   के लिए हैं।

एक खड़गे हैं जो ख़ूँन - खराबे की धमकी संसद में भी देने से बाज़ नहीं आते। ये सारे कांग्रेसी एक ही थैली  के चट्टे बट्टे हैं।

इनकी ये गुंडई अदालत के नोटिस में आएगी ,देश की नीरक्षीर विवेकी  जनता तो सब  देख समझ ही रही है।  

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