शनिवार, 28 नवंबर 2015

तलाक तलाक तलाक और बस खेल खत्म ,गुज़ारा भत्ता मांगोगे तो हम ऑर्डिनेंस ले आएंगे शरीयत का हवाला देकर।

लफ़्ज़ों तक हैं तीन जहां सम्बन्ध खड़े हैं , उनकी बीवी आज देश से बड़ी हो गईं।

    चंद लोग ऐसे हैं जिनकी बीवियां देश से बड़ी हो गईं हैं हालाकि उनकी अपनी अहमियत तीन गिने जाने की हद से परे

  नहीं होती पर उनके कहने पर उनके खाविंद अपने देश को भी तलाक देने की सोच सकते हैं। 

तलाक तलाक तलाक और बस खेल खत्म ,गुज़ारा भत्ता मांगोगे तो हम ऑर्डिनेंस ले आएंगे शरीयत का हवाला देकर। 

लफ़्ज़ों तक हैं तीन जहां  सम्बन्ध खड़े  हैं ,

उनकी बीवी आज देश से बड़ी हो गईं। 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें